Sunday, May 9, 2021

हमारी भक्ति में प्रगति महामन्त्र जप पर ही निर्भर करती है

हमारी भक्ति में प्रगति महामन्त्र जप पर ही निर्भर करती है!
श्रील प्रभुपाद जी इस्कान के संस्थापक के अनुसार, 'भक्ति में हमारी ९९ प्रतिशत प्रगति जप पर निर्भर करती है। यह साधक के लिए प्राणों के समान होती है। इस्कॉन में हरे कृष्ण महामंत्र का जप करने को कहा जाता है। एक भक्त को दिन में कम से कम १६ माला जाप महामंत्र का करना होता है। कृष्ण महामंत्र इस प्रकार है, 'हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे। ** इस महामंत्र का अर्थ है, हे परम आकर्षक भगवान श्री कृष्ण। हे श्रीकृष्ण की अंतरंग शक्ति श्रीमती राधा रानी। कृपया मुझे अपनी दिव्य सेवा में संलग्न करें। श्रील प्रभुपाद जी के अनुसार, 'हमें हरे कृष्ण महामंत्र का जप उसी प्रकार करना चाहिए जैसे एक शिशु अपनी माता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए रोता है।

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