आज राजभोग पर श्रीराधारमण लाल जू चन्दन की पोशाकी धारण करेंगे। आज श्रीजी को 'सतु' का भोग धराया जाता हैं। यह भोग केवल अक्षय तृतीया पर ही लगाया जाता हैं।
श्रीठाकुर जी को इतनी गर्मी में शीतलता प्रदान करने के लिए आज (अक्षय तृतीया)से शरद पूर्णिमा तक राजभोग आरती बत्ती के स्थान पर पुष्पों से की जायेगी।
आज से ही हमारे श्रीराधारमण जी अपने भक्तों को आनन्दित करने के लिए प्रतिदिन संध्या को गर्भ गृह से बाहर जगमोहन पर विराजेंगे।
श्रीराधारमण धरे हो चन्दन।
बैसाख मास पावस तृत्य तिथि सुर मुनि करत हो वन्दन।
प्रेम सीतल कपूर सो पायो छूटो सब विरह ताप सो बंधन।
मंद हसि हसि लेप करत प्रिया भयो उष्ण मान को खंडन।
'चैतन्यदास' जुगल छवि को निरखत करत सदा पद वंदन।
🙌🏼 श्रीराधारमण दासी परिकर 🙌🏼
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