मैं हैरान हूं ...लोग भगवान को सब कुछ अर्पण करते हैं लेकिन अपना मन नहीं, जबकि श्रीमद भगवत गीता के अध्याय 9 श्लोक 34 में श्री कृष्णा कह रहे हैं मन्मना भव मद भक्तो .... अर्थात सदैव अपना मन मेरे चिंतन में लगाओ ,अपना मन मुझे अर्पण कर दो, मेरे भक्त बनो। इस प्रकार निश्चित रूप से तुम मुझको प्राप्त करोगे। हरे कृष्ण
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