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*जय श्री श्याम*
*किसने कितना दिया, कितना बचाया*
ईश्वर ने सरल गणित लगाया
*सबको खाली हाथ भेजा*
और खाली हाथ वापस बुलाया
*इस जीवन की चादर में*
सांसों के ताने बाने हैं'
*दुख की थोड़ी सी सलवट है*
सुख के कुछ फूल सुहाने हैं.
*क्यों सोचे आगे क्या होगा*
अब कल के कौन ठिकाने हैं
*ऊपर बैठा वो बाजीगर*
जाने क्या मन में ठाने है
*चाहे जितना भी जतन करे*
भरने का दामन तारों से
*झोली में वो ही आएँगे*
जो ईश्वर ने लिख दिये
*सबके नाम के दाने है*
*जय श्री श्याम*
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