Sunday, November 14, 2021

तुलसी चयन ।

* तुलसी चयन विवेचन *

एक मत के अनुसार-

* एकादशी तिथि को तुलसी चयन वर्जित नहीं है । कर सकते हैं ।

* तुलसी भी एकादशी व्रत रखती हैं; अतः द्वादशी को दौर्बल्य होता है ।
* कुछ वैष्णवों का भाव है कि यदि द्वादशी तिथि को व्रत हो तो त्रयोदशी को नहीं चयन करें ।

* ऐसा भी आदेश है कि श्रीकृष्ण सेवा हेतु यदि प्रतिदिन तुलसी चयन का पक्का नियम ही हो, किसी साधक का तो द्वादशी हो या कुछ भी- तुलसी चयन कर सकते हैं.

* जल देने में कोई भी दिन निषिद्ध नहीं है । रोज दे सकते हैं ।

* तुलसी चयन दोपहर 12 बजे से पूर्व ही करना चाहिए । भगवान के वचन हैं कि उसके बाद जो चयन करता है, वह मेरे सिर पर डण्डे मारता है।

* किसी भी हाल में द्वादशी को तुलसी चयन नहीं करना। 

* उपासना या साधन भक्ति में विधि एवं भाव दो मार्ग हैं । अपने स्तर, आत्म विश्वास, गुरु आदेश परम्परा के अनुसार कोई एक विकल्प निश्चिंत होकर चुन लेना चाहिये ।

* मुख्य है *  
भाव पूर्वक सेवा या भजन!
भाव दृढ़ होने पर विधि छूट जाती है और विधि पालन से भाव आता है. अपना अपना स्तर से निर्णय लीजिये।

जय श्री राधे । जय निताई
समस्त वैष्णव जन को दासाभास का प्रणाम

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