*पृथ्वी पर बहुत ही तीर्थ स्थान हैं , सब तीर्थों की यात्रा मनुष्य नहीं कर सकता है , संपूर्ण नदियों में जाकर मनुष्य स्नान नहीं कर सकता है , मगर जहां कीर्तन होता है, हरि की कथा होती है, सत्संग होता है, वहां संपूर्ण तीर्थ विद्यमान होते हैं। इसलिए कहा है - अन्न का कण और सत्संग का क्षण कभी नहीं गंवाना चाहिए ! जहां से मिले, जब मिले, जहां मिले, छोड़ना नहीं चाहिए ।*
*🌹जय श्री कृष्णा🌹*
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Friday, August 2, 2019
हरे कृष्णा ।
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