Tuesday, June 7, 2022

HH Radhanath Swami

*People  will  respect  you  from  their  heart only*
#For what  you  give
#for  your  character
#for  your  value
#for  your  humility
#for  your  compassion
----- This  is  leadership. 

--HH Radhanath Swami
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राधे कृष्णा

Tuesday, May 17, 2022

जो प्रेमी हैं उनका यही लक्षण है प्रेमी तो कभी वृंदावन से दूर जाता ही नहीं है। श्रीमनमहाप्रभु का नित्य वृन्दावन गम्भीरा में अवस्थित रहता है उसी कुञ्ज में सतत् अवस्थित रहता है। 

बहुत सारे लोग हैं जो वृन्दावन में होते हुए भी वृन्दावन में नहीं होते और बहुत सारे लोग हैं जो वाह्य दृष्टि से वृन्दावन में न होते हुए भी सतत् वृन्दावन की ही सूक्ष्मता में ही अवस्थित रहते हैं। श्रेष्ठ कौन है इसका निर्णय नहीं किया जा सकता क्योंकि वृन्दावन को स्थूल स्वरूप भी बहुत श्रेष्ठ है और वृन्दावन का सूक्ष्म स्वरूप भी बहुत श्रेष्ठ है। दोनों श्रेष्ठ है। 

जैसे कोई गंगा जी में हो, कोई है जो आकण्ठ जल में है उसकी डुबकी बहुत अच्छी लगेगी, कोई किनारे है उसकी डुबकी जरा मेहनत से लगानी पड़ेगी पर दोनों को एकसा ही पुण्य मिलेगा। दोनों मुक्त हो जाएंगे। इसी प्रकार 

अगर कोई स्थूल वृन्दावन में भी है तो भी वो रस का अधिकारी है और अगर कोई सूक्ष्म वृन्दावन में चला जाता है वो भी रस का अधिकारी है। बस प्रयत्न का भेद है। 

केवल स्थूलता से तुम वृन्दावन में हो तो गोता जरा मेहनत से लगेगा पर अगर सूक्ष्मता से तुम वृन्दावन में हो तो गोता पूरा लग जाएगा। 

।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।

Saturday, March 26, 2022

राधे राधे

राधेति रुचिरं नाम ब्रूंते नित्यं किशोरकः।
अनेक तापात्परितो रक्षिता देवि राधिका॥
- आदि वरहा पुराण

*भावार्थ :- मनोहर नाम श्री “राधे" नित्य श्री कृष्ण भगवान् जाप करते हैं, इसी नाम को जो मनुष्य ले उसके अनेक तापों से श्री राधिका रक्षा करती हैं।*

Wednesday, December 15, 2021

CC Ādi 3.77-78


Lord Śrī Kṛṣṇa Caitanya is the initiator of saṅkīrtana [congregational chanting of the holy name of the Lord]. One who worships Him through saṅkīrtana is fortunate indeed.

Such a person is truly intelligent, whereas others, who have but a poor fund of knowledge, must endure the cycle of repeated birth and death. Of all sacrificial performances, the chanting of the Lord’s holy name is the most sublime.

CC Ādi 3.77-78

Sunday, December 5, 2021

मायापुर _भाग 1

मायापुर (Mayapur) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के नदिया ज़िले में स्थित एक नगर है। यह गंगा नदी के किनारे, उसके जलंगी नदी से संगम के बिंदु पर बसा हुआ एक छोटा सा शहर है। मायापुर नवद्वीप के निकट है और कोलकाता से १३० कि॰मी॰ उत्तर में स्थित है। यह हिन्दू धर्म के गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय के लिए अति पावन स्थल है। यहां उनके प्रवर्तक श्री चैतन्य महाप्रभु का जन्म हुआ था। इन्हें श्री कृष्ण एवं श्री राधा का अवतार माना जाता है। यहां लाखों श्रद्धालु तीर्थयात्री प्रत्येक वर्ष दशनों हेतु आते हैं। यहां इस्कॉन समाज का बनवाया एक मंदिर भी है।